छोटी उम्र में बड़ी जिम्मेदारियाँ -By Roshni kumari

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छोटी उम्र में बड़ी जिम्मेदारियाँ -By Roshni kumari





जिम्मेदारियों का पहाड़ था सामने चला था वो हिमालय थामने।
पता नहीं था कि कहां जाना था, न कोई घर न कोई ठिकाना था। 
मजबूरी ने उसे जिम्मेदारियों में ढाल दिया,न खेल कूद न चंचलता उसे इन सबसे निकाल दिया। 
दिखने में था छोटा पर काम बड़े करने थे,कंधों पर थे छोटे भाई बहन जिन्हें अपने पैरों पर खड़े करने थे। 
ना मां बाप का दुलार था,साथ ही मतलबी संसार था। 
ये संसार न बुझता था किसी की मजबूरी,अगर जीना था तो करना था मजदूरी। 
दिन भर काम करता और शाम में भाई बहनों को देता था प्यार,था तो वो बच्चा पर निभाता था मां बाप का किरदार। 
मजबूरी ने उसका बचपन भुला दिया,बस अब कुछ न दिखता था जैसे किसी ने उसे सुला दिया। 
कि इतना कोई मजबूर न हुआ था जितना वो हो गया, मां बाप के शोक में न जाने कहां खो गया। 
कि उसे याद आता है कि वो किस कदर पापा का सुकून था और मां की आंखों का तारा,पर अब तो वो बना फिरता है बेचारा। 
कि जो हमेशा मित्रो पर मरता था वो अब इनपर भरोसा करना छोड़ दिया, मित्रो ने भी उसकी लाचारी को देखकर मुंह मोड़ दिया। 
कि जिसे ढंग से खुद को संभालना न आता था अब वो बड़ा हो गया,मजबूरी के कारण अब वो अपने पैरों पर खड़ा हो गया।।

                                 ~By Roshni Kumari 

 

 

 

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कि अगर उसकी कोई मजबूरी ना होती तो वो कभी बेवफा न होता,
बेवजह तुम्हारी जिन्दगी से कभी वो खफा न होता,
और क्यों दोष देते हो उसे बार बार,
क्योंकि अगर उसमें कोई खूबी न होती तो तुम्हे उससे प्यार इक दफा ना होता।

- Roshni Kumari

कि ध्यान से निर्णय लेना,
क्योंकि मैं तुम्हारे लिये दिन रात रोई,
तुझको याद करते करते ना जाने कितनो को हूं खोई,
और शायद अभी ये गलत लग रहा होगा,
लेकिन बाद में क्या पता मेरे जितना प्यार करना वाला मिले ना फ़िर कोई।

- Roshni Kumari

कि रोज आकर इजहार करते हैं,
घंटों भर तुम्हारा इंतजार करते हैं,
और हमें पता है कि नहीं मिलना है यहां कुछ,
पर फिर भी ना जाने क्यों हम तुमसे प्यार करते हैं।

- Roshni Kumari

किस्मत तो सबकी लिखी होती है,
बस फर्क इतना है कुछ की कलम हमारी होती है,
कुछ की उनकी मुट्ठी में हमारी किस्मत होती है।

- Roshni Kumari

रिश्तों में वफ़ा नहीं रही,
दिलों में दर्द नहीं रहा,
जिंदगी अब पहले जैसी,
बस वो पहला सा मज़ा नहीं रहा।

- Roshni Kumari

मुस्कुराना तो आता था हमें भी बहुत,
पर जब से देखा है तुम्हें,
बिन मुस्कुराए गुजर नहीं होती।

- Roshni Kumari

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Nice Post

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