धूम्रपान और शराब पर एक संवेदनशील कविता
की देखा है कईयों के जान गए, कईयों के प्राण गए,
कईयों का सिंदूर धुला, कईयों का गठबंधन खुला।
कईयों का परिवार उजड़ा, कईयों का संसार उजड़ा,
कईयों के लाज गए, कईयों के सिर के ताज गए।
की ये एक का नहीं, सबका संहारक है,
धूम्रपान हर व्यक्ति के लिए हानिकारक है।।
तो किसी ने खोया भाई को, किसी ने उसकी कलाई को,
किसी ने खोया यार को, किसी ने उस प्यार को।
किसी का जीवन आबाद हुआ, किसी का घर बर्बाद हुआ,
इस शराब का आखिर है क्या इरादा,
हर साल मरते हैं लोग एक मिलियन से ज्यादा।
की ये एक के लिए नहीं, सबके लिए विनाशकारक है,
धूम्रपान हर व्यक्ति के लिए हानिकारक है।।
न जाने ये बीड़ी गांजा कितनों की जान ले गया,
बेगुनाहों को भी ये सजा दे गया।
इन सबसे ही तो किडनी फेल हो गई और दिल हो गए खराब,
न जाने कितनी खामियों की वजह हो गई शराब।
सिर्फ शराब ही नहीं, बल्कि और भी कई चीजें हैं,
हर चीज़ के इस संसार में और भी कई नतीजे हैं।
की ये नहीं किसी भी समस्या का निवारक है,
धूम्रपान हर व्यक्ति के लिए हानिकारक है,
हर व्यक्ति के लिए हानिकारक है।।
Nice Post